रायपुर से दुखद समाचार — हज़रत अल्लामा मोहम्मद अली फारुकी साहब का इंतिकाल
दीन-ए-इस्लाम की खिदमत में समर्पित एक महान आलिम-ए-दीन अब हमारे बीच नहीं रहे

रायपुर (छत्तीसगढ़):
इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैहि राजिउन
रायपुर के प्रसिद्ध धार्मिक संस्थान मदरसा इस्लाहुल मुसलेमिन (यतीम खाना), बैजनाथपारा रायपुर के मोहतमीम, जमाते अहले सुन्नत के सरपरस्त, आलिम-ए-दीन और मुजाहिदे छत्तीसगढ़ हज़रत अल्लामा अलहाज मोहम्मद अली फारुकी साहब का आज रज़ा-ए-इलाही से इंतिकाल हो गया।
उनके इंतिकाल की खबर से पूरे प्रदेश में गम की लहर दौड़ गई है।
हज़रत फारुकी साहब ने अपनी पूरी ज़िंदगी दीन-ए-इस्लाम की खिदमत, इल्म की तालीम और अमन-ओ-मोहब्बत का पैग़ाम फैलाने में समर्पित की।
मुस्लिम समाज के लोगों, उलेमाओं और अनुयायियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि —
> “फारुकी साहब का जाना एक बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं। उन्होंने अपने कर्मों से समाज में अमन, भाईचारा और इल्म का उजियारा फैलाया।”
अल्लाह पाक अपने हबीब के सदके मरहूम की मग़फिरत फरमाए और उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला से आला मुक़ाम अता फरमाए।
आमीन।
नोट: मरहूम की नमाज़े जनाज़ा के संबंध में जानकारी बाद में दी जाएगी।




