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मोदी जी की जीवनी पर बनी फिल्म ने दिया संदेश—‘दूसरों के लिए जीना ही सबसे बड़ा धर्म’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी पर बनी शॉर्ट फिल्म चलो जीते हैं बचपन की घटना पर आधारित है, जो समाजसेवा और दूसरों के लिए जीने की प्रेरणा देती है।

कोरबा_सेवा पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत शनिवार को ट्रांसपोर्ट नगर चौक में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदीजी के जीवनी पर आधारित लघु फिल्म चलो जीते हैं को स्क्रीन पर वाणिज्य एवं उद्योग सार्वजनिक उपक्रम वाणिज्य कर (आबकारी) श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री गोपाल मोदी, पूर्व गृह मंत्री श्री ननकीराम कंवर, महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत, निवर्तमान जिलाध्यक्ष और संयोजक श्री राजीव सिंह, पार्षद अशोक चालवानी, पार्षद नरेन्द्र देवांगन, जिला महामंत्री अजय विश्वकर्मा, जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, कोसाबाड़ी मंडल अध्यक्ष डॉ. राजेश राठौर, कोरबा मंडल अध्यक्ष योगेश जैन, जिला मंत्री अजय दुबे, नरेन्द्र पाटनवार, राकेश नागरमल अग्रवाल, रामकुमार त्रिपाठी, सरजू अजय, सूरज पांडेय, रीपू जायसवाल, नीरज ठाकुर, श्रीधर द्विवेदी, प्रकाश अग्रवाल, मिलाप बरेठ, प्रताप सिंह कंवर, चंदन सिंह, शिव चंदेल, संजीव शर्मा, सन्नी सिंह, परविंदर सिंह, रामअवतार पटेल, युगल कैवर्त, राम शंकर साहू, अन्नपूर्णा श्रीवास, दीपा राठौर, मनोज राठौर, राहुल श्रीवास, प्रमोद जांगड़े, अंशु तिवारी,अजय चंद्रा, राजेश लहरे, प्रदीप सिंह, विजय गुप्ता, सागर टेवानी सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ता और नागरिकगण ने भी प्रधानमंत्री मोदी की जीवनी पर बनी डॉक्यूमेंट्री देखी।

यह फिल्म माननीय प्रधानमंत्री जी के बचपन की सत्य घटना पर आधारित है, जो दिखाती है कि उनमें बचपन से ही दूसरे के लिए जीने की भावना थी और वो आज भी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के रूप में 140 करोड़ भारतवासियों के लिए जी रहे हैं जो अत्यंत प्रेरणादायक है।

फिल्म की कहानी एक छोटे बालक की है जो अपने जीवन में दूसरों की सेवा और देशभक्ति को सबसे बड़ा धर्म मानता है। फिल्म में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बचपन से जुड़े आदर्श और संस्कारों को दर्शाया गया है। इस लघु फिल्म में पीएम मोदी ने ध्येय वाक्य चलो जीते हैं, को लेकर कठिनाइयों के बीच जीते हुए अपने जन्म और जीवन को सिद्ध किया। उन्होंने जीवन में अनेक परेशानियां झेलते हुए अपने साथी विद्यार्थी को भी सहारा दिया। यह फिल्म मुख्यत: बाल नरेन्द्र मोदी के विचारों और समाजसेवा की सोच पर केंद्रित है। आज के समय में नई तकनीक और बड़े खर्चे से फिल्में बनती हैं, लेकिन इस शॉर्ट फिल्म में सीमित साधनों के उपयोग से मूल उद्देश्य, दृढ़ इच्छा शक्ति का फिल्मांकन बखूबी किया गया है। फिल्म अतीत का वर्तमान से मिलाकर प्रधानमंत्री के पूरे जीवन पर प्रकाश डालती है। इसके लिए फिल्म निर्माता बधाई के पात्र हैं। इस शॉर्ट फिल्म को सभी नागरिकों को देखना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि “चलो जीते हैं” वर्ष 2018 में बनी एक शॉर्ट फिल्म है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बचपन से प्रेरित है। यह फिल्म बॉलीवुड स्टार्स वाली कमर्शियल मूवी नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक “जीवंत कथानक” हैं।

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