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शिक्षक विहीन सपनादर प्राथमिक शाला को मिले शिक्षक,ग्रामीणों ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की सराहना, शासन का जताया आभार

अम्बिकापुर / प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और शालाओं में शिक्षकों की कमी को दूर कर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रारंभ की गई शाला-शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का व्यापक असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। इस पहल से अब लंबे समय से एकल शिक्षक और शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षक पदस्थापना सुनिश्चित हुआ है।

इसी क्रम में मैनपाट वनांचल क्षेत्र के सपनादर गांव की प्राथमिक शाला, जोकि शिक्षक विहीन थी, वहां शासन द्वारा तीन शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इससे गांव में हर्ष का माहौल है, ग्रामीणों ने इस पहल के लिए शासन और मुख्यमंत्री के प्रति आभार है।

शिक्षकों की नियुक्ति पर ग्रामीणों में उत्साह

ग्राम सपनादर के रहने वाले श्री रामेश्वर यादव बताते हैं कि उनके गांव के प्राथमिक विद्यालय शिक्षक विहीन था। शिक्षकों के अभाव में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा शिक्षक युक्तियुक्तकरण से प्रकिया शुरू की गई जिसकी वज़ह से हमारे गांव के प्राथमिक स्कूल में तीन शिक्षकों की पदस्थापना हुई है। अब हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी। वहीं सपनादर के रहने वाले श्री कन्हैया यादव बताते हैं कि हमारा गांव घनी आबादी वाला है। यहा प्राइमरी और मीडिल स्कूल संचालित होती है। हमारे यहां प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों की कमी थी। जिसकी वज़ह से बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही थी। लेकिन शासन की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की वज़ह से हमारे प्राथमिक स्कूल में तीन शिक्षकों की नवीन नियुक्ति हुई है। जिससे अब गांव में ही बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सराहनीय कदम के लिए आभार व्यक्त किया।

शिक्षक युक्तियुक्तकरण से मैनपाट क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था होगी सुदृढ़

मैनपाट विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री योगेश शाही ने बताया कि मैनपाट वनांचल क्षेत्र है, यहां स्कूलों में शिक्षकों की कमी एक बड़ी समस्या थी। मैनपाट क्षेत्र में कुल 225 स्कूल हैं, जिनमें 141 प्राथमिक स्कूल, 73 माध्यमिक स्कूल, 8 हाईस्कूल और 4 हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। शासन द्वारा संचालित शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत मैनपाट के 5 शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इसके साथ ही 38 एकल शिक्षक स्कूलों में से 34 स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से अब बच्चों को स्कूलों में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा कि विभाग की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी शाला में शिक्षक की कमी न रहे और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार मिले।

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