छत्तीसगढ़सरगुजा

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से हुई मुलाक़ात में अमरजीत भगत ने आदिवासी समाज की ज़मीनी पीड़ा को रखा संसद के सामने

जब राहुल गांधी ने पूछा — ‘कल आप चर्चा में थे… भाजपा आदिवासियों को पाषाण युग में क्यों भेज रही है?

लोकसभा में आज देशभर के आदिवासी समाज के नेताओं के साथ एक ऐतिहासिक बैठक में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी जी ने सीधा संवाद किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने आदिवासी समाज की जमीनी सच्चाइयों को उनके समक्ष रखा।

मुलाक़ात की शुरुआत में ही राहुल गांधी जी ने मुस्कुराते हुए कहा —

“कल आप मीडिया और सोशल मीडिया में चर्चा में थे। आपने कहा कि भाजपा आदिवासियों को पाषाण युग में भेज रही है — ये बात क्या है?”

इस पर अमरजीत भगत ने जो जवाब दिया, वो सिर्फ़ एक नेता का उत्तर नहीं था, वो एक समाज की आवाज़ थी।

उन्होंने राहुल गांधी को बताया कि—

वन और ज़मीन की लूट

 

भाजपा सरकार द्वारा हसदेव अरण्य, तमनार और मैनपाट जैसे क्षेत्रों में माइनिंग कंपनियों को खुली छूट दे दी गई है। हज़ारों एकड़ आदिवासी जमीन अधिग्रहित की जा रही है, जंगल काटे जा रहे हैं और विस्थापन की नई लहर पैदा हो चुकी है।

 

शिक्षा पर हमला

राज्य में 10,000 से अधिक स्कूल बंद कर दिए गए हैं, जिससे हजारों आदिवासी बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से बाहर हो गए हैं। साथ ही लगभग 45,000 शिक्षकों को सेवा समाप्ति और स्थानांतरण जैसे आदेशों से प्रभावित किया गया। यह एक सुसंगठित हमला है आदिवासी भविष्य पर।

अजीविका का संकट

महुआ, इमली, तेंदूपत्ता, चार, चिरौंजी जैसी लघु वनोपज पर आधारित परंपरागत आजीविका लगातार नष्ट हो रही है। दूसरी तरफ कोई वैकल्पिक रोजगार योजनाएँ उपलब्ध नहीं हैं।

क़ानूनी उत्पीड़न

हज़ारों निर्दोष आदिवासी युवकों को फर्जी केसों में फँसाकर जेलों में डाला गया है। पुलिस प्रशासन और सरकार के पास इनकी कोई सुनवाई नहीं है। कांग्रेस की लीगल सेल को इन मामलों में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

अमरजीत भगत ने स्पष्ट शब्दों में कहा:

“भाजपा सरकार आदिवासी समाज को 21वीं सदी के विकास से काटकर, जानबूझकर पाषाण युग में धकेल रही है — जहां न शिक्षा है, न रोजगार, न जमीन पर अधिकार, और न नेतृत्व की जगह। ये सिर्फ़ लूट नहीं, एक राजनीतिक षड्यंत्र है।”

राहुल गांधी ने अमरजीत भगत द्वारा उठाए गए प्रत्येक मुद्दे को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों को केवल चुनावी मंच पर नहीं, बल्कि संसद से लेकर सड़क तक उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में पार्टी आदिवासी समाज के मुद्दों पर विशेष जनआंदोलन और नीति-स्तरीय संवाद शुरू करेगी।

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