छत्तीसगढ़सरगुजा

सवाल अब भी वही की क्या किसान, आदिवासी, युवा, महिलाएँ अपने मुख्यमंत्री से मिल भी नहीं सकते-पूर्व मंत्री भगत

सरगुजा_पूर्व मंत्री, किसान प्रतिनिधि और ग्रामीण किसानों को पुलिस ने कमलेश्वरपुर थाने में बिठा दिया, जबकि थाने के बाहर सैकड़ों किसान अपनी माँगों के समर्थन में शांतिपूर्वक नारे लगा रहे हैं। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

अमरजीत भगत ने बयान में कहा “खाद माँगने गए थे, अपराधी बना दिए गए।मैं थाने में हूँ… किसान प्रतिनिधि थाने में हैं… किसान थानों के बाहर… और आसपास भारी पुलिस बल।ये कैसा लोकतंत्र है जहाँ सवाल पूछने पर थाना और जनता की आवाज़ पर लाठी तैनात हो जाती है?”

उन्होंने आगे कहा,

“मुख्यमंत्री प्रदेश के मुखिया हैं। अगर किसान, युवा और आदिवासी उनके सामने अपनी बात भी नहीं रख सकते, तो ये कैसा लोकतंत्र है?

विरोध नहीं था, केवल एक ज्ञापन देना था। अगर भीड़ इकट्ठा करनी होती, तो मैं 5,000 लोग लेकर आता। लेकिन हमें तो मिलने भी नहीं दिया गया।”

पूर्व मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह लड़ाई किसी दल की नहीं, किसानों के हक़ की है, और जब तक किसानों को राहत नहीं मिलेगी, वे शांत नहीं बैठेंगे।

 

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